क्या आपको कभी चुनाव के नतीजे देखते हुए गुस्सा आया है? आप लोगों से पूछते हैं की उन्होंने किसे वोट दिया क्योंकि राजनीतिक राय व्यक्ति की मानसिकता पर एक बड़ा प्रभाव डालती है।
इस ‘राजनीतिक उत्साह’ में एक बड़ा झटका यह है कि भले ही आपके पास एक मजबूत राजनीतिक राय हो, अगर आप अभी तक 18 साल के नहीं हुए हैं तो आप वोट नहीं दे सकते।
मैं सिर्फ कुछ महीनों से वोट देने से चूक गयी और इससे मुझे दुःख हुआ क्योंकि अब मुझे अपनी राजनीतिक राय व्यक्त करने के लिए पांच साल और इंतजार करना होगा।
अगर मतदान की उम्र कम होती, तो शायद मैंने भी मतदान करा होता।
वर्तमान मतदान की उम्र 18 क्यों है?
संविधान के साठवें संशोधन अधिनियम के बिल नंबर 129 को 1988 में पेश किया गया था, जिसने मतदान की आयु को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया था।
बी. शंकरानंद ने कहा था कि “वर्तमान युवा साक्षर और प्रबुद्ध हैं और मतदान की आयु कम होने से देश के अप्रशिक्षित युवाओं को अपनी भावनाओं को हवा देने और उन्हें राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा बनने का अवसर मिलेगा। वर्तमान के युवा राजनीतिक रूप से बहुत अधिक जागरूक हैं। इसलिए, मतदान की आयु को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष करने का प्रस्ताव किया गया है।”
पिछले 31 वर्षों में भारत के राजनीतिक परिदृश्य में और हमारे देश के युवाओं की जनसँख्या में एक बड़ा बदलाव देखा गया है; मेरा दृढ़ विश्वास है कि मतदान की आयु को और कम किया जाना चाहिए।
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मतदान की उम्र कम क्यों होनी चाहिए
यह अक्सर कहा जाता है कि आज का युवा हमारे देश का भविष्य है। भविष्य को आज के लिए जिम्मेदार क्यों नहीं बनाया जा सकता है?
मतदान की उम्र को 18 से कम करके 16 पर लाकर हम न केवल युवाओं को राजनीतिक रूप से जागरूक होने के लिए प्रेरित करेंगे, बल्कि उन्हें एक निश्चित ज़िम्मेदारी भी देंगे।
जब मतदान करने की शक्ति दी जाएगी तो किशोर एक सरकार के शासन व स्थितियों के प्रति अधिक विश्लेषणात्मक होना सीखेंगे।
आंकड़ों के अनुसार, 900 मिलियन भारतीय इस वर्ष के चुनावों में मतदान करने के योग्य थे और केवल 67% ने अपना वोट डाला। यदि मतदान की आयु कम कर दी जाती है, तो यह प्रतिशत बहुत अधिक हो सकता है।
चुनाव हमसे पुराणी पीढ़ी के लिए टूथपेस्ट खरीदने जैसा है। आप टूथपेस्ट के एक नए ब्रांड को खरीदने का विकल्प नहीं चुनते हैं, इसके बजाय, आप इस बात पर भरोसा करते हैं कि आप एक ब्रांड को वर्षों से उपयोग कर रहे हैं, भले ही आज सबूत हो कि यह हानिकारक हो सकता है।
युवाओं के साथ ऐसा नहीं है।
युवा केवल भारत की प्रगति के बारे में सोचते हैं। इसलिए इन युवाओं को भी वोट देने की अनुमति दी जानी चाहिए।
युवा विकास की नीव होते हैं और राजनीति ही आर्थिक प्रगति को प्रभावित करती है। भारत को एक विक्सित देश बनाने के लिए युवाओं की राजनीति में भागीदारी बहुत ज़रूरी है।
Image Credits: Google Images
Sources: Economic Times, India Today, Ace Project
Originally Written in English by: @khwahishkhan204
Translated in Hindi by @innocentlysane
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