उर्दू दैनिक समाचार पत्र इंकलाब के 12 जून के संस्करण के पहले पृष्ठ पर छपी यह खबर के राहुल गांधी ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ एक बैठक में गर्व से कहा कि “कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है” आज कल सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बनी हुई है।
दिलचस्प बात यह है कि समाचार पत्र अपनी रिपोर्ट के साथ खड़ा है , जिसमें एक और रिपोर्ट के माध्यम से कहा गया था कि कांग्रेस अल्पसंख्यक सेल प्रमुख नदीम जावेद ने पहले भी इस बात माना है , जब की बैठक में मौजूद अधिकांश सदस्यों ने इनकार कर दिया था।
राहुल गांधी मुस्लिम बौद्धिक समूहों के एक समूह से मिले जहां यह बताया गया कि उन्होंने कहा, “कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है।” उर्दू समाचार पत्र इंक्विलाब ने अपने पहले पृष्ठ पर इसकी सूचना दी
वक्तव्य के बारे में गांधी पर भाजपा का हमला
भाजपा प्रवक्ता संबित संबित पात्रा ने हाल ही में ट्वीट किया , “इंकलाब को दिए एक साक्षात्कार में कांग्रेस अल्पसंख्यक सेल के अध्यक्ष नदीम जावेद ने दोहराया है कि राहुल गांधी सही कह रहे थे, ‘हां, हम मुसलमानों का हिस्सा हैं’। श्री जावेद ने आगे कहा कि राहुल गांधी मुस्लिम लीग से मुलाकात कर रहे हैं और जल्द ही वह एक मुस्लिम सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे।”
इस ट्वीट ने हलचल पैदा कर दी और सांप्रदायिक राजनीती करने के आरोप दोनों पार्टियां एक दूसरे लगाने लगीं ।
प्रधान मंत्री ने खुद इस रिपोर्ट को उठाते हुए वर्षों पुरानी इस पार्टी के अध्यक्ष की राजनीतिक मंशा पर सवाल उठाया कि वह अल्पसंख्यक को सिर्फ वोट बैंक के तौर पर देखते हैं और इन बयानों से वो अल्पसंख़्यकों की सहानभूति हासिल करने की कोशिश कर रहे थे जो उनके वोट बैंक के लिए फायदेमंद होगा । शिक्षा मंत्री प्रकाश जावेदकर ने मोदी की टिप्पणी को बल दिया और हिंदुओं से मुस्लिमों तक वोट बैंक नीतियों की अचानक बदलाव पर राहुल गांधी पर हमला किया।
“विभाजन और शासन तब सिद्धांत था; राज्य को विभाजित करना अब सिद्धांत है। बीजेपी ईस्ट इंडिया कंपनी का नया संस्करण है। “- रणदीप सुरजेवाला
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सच; और कैसे अख़बार ने उसे पेश करा
हालांकि उर्दू दैनिक की संवाददाता मुमताज आलम रिजवी ने जोर देकर कहा कि नदीम जावेद ने इस रिपोर्ट का समर्थन करा है जिसमे राहुल गाँधी ने तथाकथित तौर पर कांग्रेस को मुसलमानों की पार्टी कहा ,पर जावेद ने इस बात का खंडन करते हुए यह स्पष्ट किया कि रिपोर्ट में शब्दों को तोडा-मोड़ा गया है और राहुल गांधी के शब्द अलग थे।
राहुल गांधी से मिले अधिकांश मुस्लिम बौद्धिक ने कांग्रेस को मुस्लिम पार्टी कहने वाली किसी भी टिप्पणियों से इनकार कर दिया है।
जावेद के मुताबिक मुस्लिम बौद्धिकों के साथ बैठक में राहुल गांधी के असली शब्द थे:
“कांग्रेस सभी की पार्टी है। हम कमज़ोरों के लिए पार्टी हैं, और मुस्लिम कमज़ोर हैं, जैसे कि दलित अतीत में थे। तो हाँ यदि इसकी आवश्यकता है हम मुसलमानों की पार्टी हैं । ”
पहले कुछ शब्दों को अनदेखा छोड़ दिया गया था और उर्दू समाचार पत्र ने सिर्फ बयान की अंतिम पंक्ति को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट बना दी । बाद में इंकलाब के संपादक, शकील शमसी ने यह कहकर अपनी स्तिथि को उचित ठहराया कि उनकी खबर में कुछ भी गलत नहीं था। भाजपा के आकस्मिक ट्वीट ने यह बखेड़ा खड़ा कर दिया।
कांग्रेस के एक विधायक रणदीप सुरजेवाला ने सत्तारूढ़ दल की इस जल्दबाज़ी में करी गयी हरकत की कड़ी निंदा की और उनकी अंग्रेजों से तुलना करते हुए कहा के : “विभाजन और शासन तब सिद्धांत था; राज्य को विभाजित करना अब सिद्धांत है। बीजेपी ईस्ट इंडिया कंपनी का नया संस्करण है। ”
कुछ मीडिया चैनल कभी-कभी प्रचार के लिए खबरों को तोड़-मरोड़ देते हैं, लेकिन हमें ज़िम्मेदार नागरिकों की तरह यह ध्यान में रखना चाहिए कि कभी भी राजनेता का आंकलन उसके बारे में क्या कहा जा रहा है इसपर न करें । वास्तविक निर्णय देश के विकास और कल्याण के लिए किए गए कार्यों पर पूरी तरह से आधारित होना चाहिए। भारत अभी भी उस समय का इंतजार कर रहा है जब राजनेता और मीडिया राजनीति के छोटे खेल से ऊपर उठेंगे और देश की तरक्की के विषय पर ज़्यादा ध्यान देंगे।
Image Sources: Google Images
Sources: FIRSTPOST, TIMES OF INDIA, NDTV
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