बैक इन टाइम, ईडी का अखबार जैसा कॉलम है जो अतीत की घटना की जानकारी देता है जैसे कि यह कल ही हुआ हो। यह पाठक को कई वर्षों बाद उस घटना को फिर से जीने की अनुमति देता है।
19 जून 1966: एक राजनीतिक कार्टूनिस्ट, बाल ठाकरे ने द फ्री प्रेस जर्नल में अपनी नौकरी छोड़ दी और अपना राजनीतिक साप्ताहिक समाचार पत्र शुरू कर दिया।
वह अपने कार्टूनों के साथ गैर-महाराष्ट्रियों के खिलाफ अपने अभियानों के लिए प्रसिद्धि हासिल करने लगे है।
मुंबई उन प्रवासियों का एक केंद्र है जो अभिनय में करियर बनाना चाहते हैं या सिर्फ काम पाने के लिए आते हैं लेकिन अचानक ही शिवसेना नामक एक दक्षिणपंथी पार्टी उभर के आयी है जिसके सदस्य खुद को शिव सैनिक कह रहे हैं।
यह राजनीतिक संगठन महाराष्ट्र की राजनीति को काफी बदल रहा है और अपने भगवा ध्वज में मराठा संस्कृति का प्रतिबिंबित दिखाने के साथ-साथ हिंदू सांप्रदायिकता की लहर फैला रहा है।
शिवसेना ने मुंबई के दादर में मुख्यालय स्थापित किया है। वे महान योद्धा और सम्राट शिवाजी के धनुष और तीर को अपनी पार्टी के प्रतीक के रूप में चुनते हैं।
पार्टी अभी बनी है और चीजें सुलझ रही हैं, लेकिन ठाकरे संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं। वह नगर निगम चुनावों में चुनाव लड़ने की घोषणा करते है।
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पश्चलेख: आज से 53 साल पहले यह क्रांतिकारी पार्टी बनी थी। अच्छी या बुरी, यह हमारी टिपण्णी पर निर्भर नहीं करता। इस पर सभी के अपने-अपने विचार हैं।
लेकिन शिवसेना ने महाराष्ट्र में उस समय के पूरे राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया। यद्यपि यह राज्य की राजनीतिक पार्टी के रूप में बहुत मजबूत था, लेकिन 1980 के दशक में भाजपा के साथ गठबंधन के बाद यह राष्ट्रीय स्तर पर आ गया।
यह अभी भी एनडीए गठबंधन के अधीन है और पार्टी के प्रसिद्ध संस्थापक के पुत्र उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में है। इसकी एक छात्र शाखा है जिसे भारतीय विद्यार्थी सेना और एक युवा शाखा को युवा सेना कहा जाता है। यहां तक कि शिवसेना महिला अगाड़ी नामक महिला शाखा भी है।
शिवसेना हिंदुत्व विचारधारा, आर्थिक राष्ट्रवाद मानसिकता और अति-राष्ट्रवाद की पार्टी बनी हुई है। इसके दो नेता महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने और इससे पता चलता है कि मराठी लोग शिवसेना की विचारधाराओं का पालन करना पसंद करते हैं।
भारत में एक भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जो राजनीती से परिचित है लेकिन शिवसेना और ठाकरे शासन के बारे में नहीं जानता है।
बाल ठाकरे ने शिवसेना को कैसा शुरू किया और आज जो बन गया है, वह दो अलग-अलग दृश्य हैं, भले ही विचारधाराएं एक जैसी हों।
Image Sources: Google Images
Sources: India Today, Indian Express
Originally written in English by @som_beingme
Translated in Hindi by @innocentlysane
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