आज से 4 साल पहले, जब देश भर में चुनावी बिगुल बज चुका था और प्रचार ज़ोरों पर था, तब देश के शीर्ष नेता अटल बिहारी वाजपेयी के निवास स्थान पर जा रहे थे। यह आना जाना चुनावी नहीं था बल्कि उस दिन लुटियंस की सबसे प्रसिद्ध गुमनाम महिला की मृत्यु हुई थी। श्रीमती कौल की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गयी थी।
कौन थी श्रीमती कौल
श्रीमती राजकुमारी कौल वो शख़्सियत थीं जो भारत की राजनीती में भले ही सक्रिय न हों पर उन्हें भारत को अटल बिहारी वाजपेयी जैसा प्रभावी प्रधान मंत्री देने का श्रेय जाता है। अटल जी और श्रीमती कौल परिपक्व दोस्ती का एक ऐसा प्रतिक हैं जैसा भारतीय राजनीती ने कभी नहीं देखा। आखिरी समय तक श्रीमती कौल अपने परिवार के साथ अटल जी के निवास पर रहती रहीं। उन्होंने कभी अपनी दोस्ती को कोई नाम नहीं दिया, न ही मीडिया जगत के लोगों ने कभी उन्हें ऐसा करने पर मजबूर करा।
अटल जी और राजकुमारी कौल की दोस्ती कॉलेज के दिनों में हुई थी। तब वो दोनों विक्टोरिया कॉलेज में पढ़ा करते थे। उस ज़माने में लड़का लड़की का बात करना अच्छा नहीं मन जाता था। यही कुछ मजबूरियां राजकुमारी कौल और अटल जी के बीच भी थीं। तब उन्होंने पत्राचार का सहारा लिया।
यह कहा जाता है के अटल जी ने रजुमारी जी के लिए एक पत्र लिखा था और लाइब्रेरी की एक किताब में छोड़ दिया था। राजकुमारी जी ने उस खत का जवाब दिया पर वो जवाब कभी अटल जी तक नहीं पंहुचा। बाद में राजकुमारी जी की शादी रामजस कॉलेज के प्रोफेसर ब्रिज नारायण कौल से हो गयी और वो दिल्ली आ गयीं।
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जब अटल जी को राजकुमारी जी की शादी के बारे में पता तो उन्होंने शादी का ख्याल छोड़ दिया और अपना सारा ध्यान अपने राजनीतिक जीवन पर केंद्रित कर दिया।
दिल्ली में, कई साल बाद, उनकी फिर से मुलाकात हुई और फिर अटल जी उनके घर काफी आने जाने लगे। जब अटल जी विदेश मंत्री बने तो वे कौल परिवार के साथ लुटियंस में आकर रहने लगे।
राजनीतिक दृष्टिकोण
श्री बिहारी वाजपेयी की श्रीमती कौल की दोस्ती के बारे में मीडिया ने कभी बात नहीं करी। एक अनकहा प्रोटोकॉल था जिसका न तो मीडिया ने उल्लंघन किया, न ही वाजपेयी जी को कभी समझाने की जरूरत महसूस हुई।
श्रीमती कौल के साथ उनके संबंधों के बारे में बात सबसे पहली और आखरी बार श्रीमती कौल ने एक महिला मैगज़ीन को दिए इंटरव्यू में की थी। यह उनका एकमात्र साक्षात्कार था जिसमे उन्होंने कहा था ‘कि उनके बारे में चल रही गंदी अफ़वाहों के बारे में स्पष्टीकरण देने और माफ़ी मांगने की उन्हें कभी आवश्यकता महसूस नहीं हुई’।
उसी साक्षात्कार में उन्होंने यह भी कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के साथ उनकी दोस्ती किसी के लिए समझने के लिए ‘बहुत परिपक्व’ थी, और यह कि उनके अफवाहों के लिए उनके पति के साथ उनका रिश्ता बहुत मजबूत था।
पिछले हफ्ते अटल जी की मृत्यु हो गयी और उन्हें मुखाग्नि उनकी दत्तक पुत्री ने दी जो राजकुमारी कौल की बेटी हैं।
राजकुमारी जी और अटल जी की दोस्ती यूँ तो राजनैतिक गलियारे में जग ज़ाहिर थी पर दुनिया के सामने इसका ज़िक्र कभी नहीं हुआ।
IMAGE SOURCES: GOOGLE IMAGES
SOURCES: FIRSTPOST, INDIA TODAY, INDIAN EXPRESS
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