ब्रेकफास्ट बैबल ईडी का अपना छोटा सा स्थान है जहां हम विचारों पर चर्चा करने के लिए इकट्ठा होते हैं। हम चीजों को भी जज करते हैं। यदा यदा। हमेशा|
आपके पास सांस लेने का भी टाइम न हो, फिर भी भाई-बहनों की नोकझोंक के लिए टाइम मिल ही जाता है। ये सबसे छोटी-छोटी बातों पर हो सकती है, और ऐसा एक भी दिन नहीं जाता जब आप उनसे लड़ाई न करें।
मैं हम तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी हूं। हमारा रिश्ता ऐसा है जिसे प्यार-नफरत वाला कहा जा सकता है। हम एक-दूसरे के बिना रह नहीं सकते, लेकिन कभी-कभी ऐसा लगता है कि एक-दूसरे के साथ भी नहीं रह सकते। और यहां “कभी-कभी” का मतलब सिर्फ कुछ सेकंड भी हो सकता है।
जब मम्मी रात के खाने में कुछ ऐसा बनाती हैं जो हमें पसंद नहीं आता, तो हम बेस्ट फ्रेंड बन जाते हैं। हमें कुछ कहने की ज़रूरत नहीं होती; बस एक नज़र ही काफी होती है कि डिनर टेबल पर एक खामोश डील हो जाए कि रात को ऑनलाइन खाना ऑर्डर करेंगे।
ड्यूटीज भी अच्छे से बंट जाती हैं। मैं खाने का पेमेंट करती हूं, मेरा भाई नीचे जाकर पार्सल ले आता है, और मेरी बहन दरवाजे पर चौकसी करती है ताकि “पुलिस” (मम्मी-पापा) अगर कुछ लेने के लिए बाहर आएं, तो अलर्ट मिल जाए। क्या हम एकदम परफेक्ट टीम नहीं हैं?
लेकिन ये दोस्ती सेकंडों में दुश्मनी में बदल सकती है। जैसे, मेरी बहन के पास दुनिया भर के कपड़े हैं, लेकिन फिर भी उसके पास पहनने के लिए “कुछ नहीं है” और उसे मेरी ड्रेस चाहिए। भले ही हमारे पास सेम ड्रेस हो, उसे मेरी ड्रेस चाहिए क्योंकि वो उस पर ज्यादा अच्छी लगती है। ये कोई बात हुई?
मुझे तो नहीं लगती। और फिर मेरे सामान का “चोरी” होना शुरू हो जाता है। हां, मैं इसे चोरी ही मानती हूं क्योंकि मुझसे मेरी परमिशन लिए बिना मेरे कपड़े ले लिए जाते हैं।
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भाई-बहन होने से आप मजबूत और सहनशील बनते हैं। क्योंकि इस ब्रह्मांड में कोई और ऐसा नहीं है जो आपको उनकी तरह रोस्ट करे और जमीन पर टिकाए रखे।
हम तीनों के बीच की लड़ाई किसी भी दर्शक के लिए बहुत मनोरंजक हो सकती है। मेरे कज़िन्स हमेशा हमारी तीखी बातों को सुनकर हंसते-हंसते लोटपोट हो जाते हैं। लेकिन हमारे बीच जीतता कौन है? वही, जिसके पास कोई बड़ा सीक्रेट होता है।
आप अपनी सबसे तगड़ी पंचलाइन मारने वाले होते हैं, और तभी कोई बीच में आकर बोलता है, “अगर एक और शब्द कहा तो मम्मी को बता दूंगा कि तुमने उनके फेवरेट डिनर सेट की प्लेट तोड़ दी थी।”
बस यहीं से खेल शुरू होता है। इसके बाद वो आपको ब्लैकमेल करते हैं उनके सारे काम करने के लिए। कभी सिर्फ टीवी का रिमोट पास करने के लिए बुला लेंगे, तो कभी सबमिशन के एक दिन पहले उनका प्रोजेक्ट बना देंगे। और अगर गलती से भी आपने ‘ना’ कह दिया, तो उनकी जोर से आवाज़ आएगी, “मम्मा, आपको पता है, उस दिन क्या हुआ था…” बस, इतना काफी है आपको वापस लाइन पर लाने के लिए।
मेरी एक दोस्त इकलौती संतान है। मैं हमेशा उससे कहती थी कि वो कितनी लकी है। लेकिन वो बातें सिर्फ बिना मतलब की बातें थीं।
भाई-बहन वो होते हैं जो हर हाल में आपके साथ खड़े रहते हैं, जब कोई और आपकी बात नहीं समझ सकता तब वो आपको समझते हैं और सपोर्ट करते हैं। आपके मुसीबत में पड़ने से पहले ही आपको खींचकर बाहर निकाल लेते हैं, और जब आप सबसे निचले स्तर पर होते हैं तब आपको हंसाते हैं।
सच में, ये किसी वरदान से कम नहीं।
हम वाकई सबसे बेहतरीन टीम हैं।
Image Credits: Google Images
Sources: Bloggers’ own opinion
Originally written in English by: Unusha Ahmad
Translated in Hindi by Pragya Damani
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