पार्टी को शानदार जीत दिलाने के बाद, अमित शाह को पीएम नरेंद्र मोदी की फिर से चुनी हुई सरकार में गृह मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। वह देश के 30 वें गृह मंत्री हैं ।

यह अटकलों का विषय था कि क्या शाह मंत्रिमंडल में शामिल होंगे या पार्टी के अध्यक्ष के रूप में बने रहेंगे। शाह कई सालों तक मोदी जी के करीबी विश्वासपात्र और दाहिने हाथ रहे हैं।

शाह की प्रगति रिपोर्ट

शाह की अध्यक्षता में भाजपा ने जबरदस्त ऊंचाइयां हासिल की हैं। उनके कुशल नेतृत्व और अभियान के कारण, पार्टी ने 2014 के चुनावों में उत्तर प्रदेश की 80 में से 71 लोकसभा सीटें जीतीं। 2019 के चुनावों में, उन्होंने एनडीए के लिए 353 लोकसभा सीटें हासिल करते हुए पार्टी को एक और भी शानदार जीत के लिए नेतृत्व किया।


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उन्होंने अब तक जितने भी 29 चुनाव लड़े हैं, सभी जीते हैं। इसके अलावा, उनके नेतृत्व में, पार्टी ने उत्तर-पूर्व में एक मजबूत गढ़ पाने में कामयाबी हासिल की, तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर पर भी कब्जा कर लिया।

विनम्र शुरूआत

गुजरात से आते हुए, अमित शाह ने अपने शुरुआती दिनों में 1970 के दशक में जनता दल के लिए एक बूथ-कार्यकर्ता के रूप में काम किया। वह 1987 में भाजपा का हिस्सा बने और उसी समय मोदी भी आरएसएस से जुड़ गए।

उनके राजनीतिक जीवन में बड़ी सफलता उनके 1991 के लोकसभा चुनाव में गांधीनगर में एल.के. अडवाणी के अभियान प्रबंधक बनने से हुई। । वे आरएसएस के सक्रिय सदस्य थे और उनकी हिंदुत्व विचारधारा में कट्टर विश्वास रखते थे।

वह 1997-2007 के बीच कई बार गुजरात से एक विधायक के रूप में चुने गए, और महत्वपूर्ण विभागों जैसे आबकारी, घर में पदाधिकारी रहे।

शाह को 2017 में राज्यसभा का सदस्य नियुक्त किया गया था और तब से राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने प्रमुखता प्राप्त की है। उन्होंने दो दशकों से अधिक समय तक मोदी के साथ मिलकर काम किया है और दोनों ने 2014 और 2019 में पार्टी की जीत के लिए मार्ग प्रशस्त किया है।

चुनौतियाँ

 केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में अमित शाह राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद, कई अन्य के बीच अवैध प्रवासियों के मुद्दे जैसे मुद्दों से निपटने की जिम्मेदारी लेते हैं।

वह देश भर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित NRC (नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स) को लागू करने का भी लक्ष्य रखेंगे, जो अब तक केवल असम में ही किया गया है। एनआरसी का उद्देश्य अवैध प्रवासियों की पहचान करना और देश के कानूनी नागरिकों की सूची बनाना है।

इण्डिया टुडे को दिए एक साक्षात्कार में शाह ने अवैध प्रवासियों को “दीमक” कहा  था।

बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में उत्तर-पूर्वी राज्यों में अवैध आव्रजन पर अंकुश लगाने का वादा किया, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार और आजीविका के अवसर मिलेंगे।

इसके साथ ही, शाह अनुच्छेद 35A और अनुच्छेद 370 को हटाने की दिशा में काम करेंगे, जो जम्मू और कश्मीर राज्य को एक विशेष दर्जा देते हैं। ऐसा करने में, पार्टी का मानना ​​है कि यह राज्य कोअलगाव से दूर करेगा और इसे देश के बाकी हिस्सों के साथ अधिक सक्रिय रूप से एकीकृत करेगा।

इसके साथ ही, वह देश के उग्रवाद प्रवृत्त नक्सल-गलियारों में अवसंरचनात्मक विकास और सुधार के कार्य करने का भी सामना करना होगा।

अभी के लिए, सभी की निगाहें अमित शाह पर टिकी हुई हैं।

अपने प्रभावी प्रबंधन और प्रशासन से, क्या देश उसी तरह समृद्ध होगा जिस तरह भाजपा उसके अधीन समृद्ध हुई ?


Image Sources: Google Images

Sources: Hindustan Times, India TodayBusiness TodayEconomic Times

Originally Written By @Rhetorician_rc here

Translated by @innocentlysane


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